UP Politics: नई पार्टी का गठन करेंगे स्वामी प्रसाद मौर्य, नाम व झंडा लॉन्च किया, तालकटोरा में करेंगे रैली-
Contents
UP Politics: नई पार्टी का गठन करेंगे स्वामी प्रसाद मौर्य, नाम व झंडा लॉन्च किया, तालकटोरा में करेंगे रैली-स्वामी प्रसाद मौर्य, जो समाजवादी पार्टी में उनके साथ किए गए व्यवहार से खुश नहीं थे, ने छोड़ने और अपनी खुद की पार्टी बनाने का फैसला किया है। उन्होंने अपनी नई पार्टी के लिए एक नाम और एक झंडा चुन लिया है. वह 22 फरवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक बड़ी सभा में बोलेंगे. नई पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी होगा और इसके झंडे में नीला, लाल और हरा रंग होगा।स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीते दिनों सपा में उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अखिलेश यादव को लिखे गए अपने पत्र में कहा था कि डॉ. भीमराव आंबेडकर और डॉ. राममनोहर लोहिया समेत सामाजिक न्याय के पक्षधर महापुरुषों ने 85 बनाम 15 का नारा दिया था। लेकिन,समाजवादी पार्टी इस नारे को लगातार निष्प्रभावी कर रही है। साथ ही उन्हने कहा की –वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी बड़ी संख्या में प्रत्याशियों का पर्चा व सिंबल दाखिल होने के बाद अचानक प्रत्याशियों को बदला गया। इसके बावजूद वह पार्टी का जनाधार बढ़ाने में सफल रहे। विधानसभा के अंदर पार्टी को 45 से 110 पर पहुंचा दिया।उन्होंने कहा था कि जबसे मैं सपा में शामिल हुआ तब से ही पार्टी का जनाधार बढ़ाने की कोशिश की है। इसी क्रम में मैंने आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को जो जाने-अनजाने भाजपा के मकड़जाल में फंसकर भाजपामय हो गए उनके सम्मान व स्वाभिमान को जगाकर व सावधान कर वापस लाने की कोशिश की।हालांकि, इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा था कि अब गेंद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पाले में है। इसके बाद उन्होंने पार्टी का एलान कर दिया।
स्वामी प्रसाद मौर्य, जो समाजवादी पार्टी में उनके साथ किए गए व्यवहार से खुश नहीं थे, ने छोड़ने और अपनी खुद की पार्टी बनाने का फैसला किया है। उन्होंने अपनी नई पार्टी के लिए एक नाम और एक झंडा चुन लिया है. वह 22 फरवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक बड़ी सभा में बोलेंगे. नई पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी होगा और इसके झंडे में नीला, लाल और हरा रंग होगा।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीते दिनों सपा में उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अखिलेश यादव को लिखे गए अपने पत्र में कहा था कि डॉ. भीमराव आंबेडकर और डॉ. राममनोहर लोहिया समेत सामाजिक न्याय के पक्षधर महापुरुषों ने 85 बनाम 15 का नारा दिया था। लेकिन,समाजवादी पार्टी इस नारे को लगातार निष्प्रभावी कर रही है। साथ ही उन्हने कहा की –
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी बड़ी संख्या में प्रत्याशियों का पर्चा व सिंबल दाखिल होने के बाद अचानक प्रत्याशियों को बदला गया। इसके बावजूद वह पार्टी का जनाधार बढ़ाने में सफल रहे। विधानसभा के अंदर पार्टी को 45 से 110 पर पहुंचा दिया।
उन्होंने कहा था कि जबसे मैं सपा में शामिल हुआ तब से ही पार्टी का जनाधार बढ़ाने की कोशिश की है। इसी क्रम में मैंने आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को जो जाने-अनजाने भाजपा के मकड़जाल में फंसकर भाजपामय हो गए उनके सम्मान व स्वाभिमान को जगाकर व सावधान कर वापस लाने की कोशिश की।
हालांकि, इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा था कि अब गेंद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पाले में है। इसके बाद उन्होंने पार्टी का एलान कर दिया।