चंडीगढ़ : सियासी गलियारों में चर्चा थी कि भाजपा एक बार फिर मेयर बनाने में कामयाब हो जाएगी। मनोज सोनकर ने पद से इस्तीफा दे दिया था ताकि दोबारा चुनाव हो सके। चुनाव में बहुमत साबित करने के लिए भाजपा ने आप के तीन पार्षद तोड़ लिए और रविवार देर रात उन्हें पार्टी में शामिल करा लिया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने गेम पलट दिया।
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सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर मंगलवार ऐतिहासिक फैसला दिया,सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय बेंच ने आदेश दिया- कि मेयर चुनाव में अमान्य किए गए 8 बैलेट पेपर मान्य माने जाएंगे। जिसके बाद आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार को मेयर घोषित कर दिया गया।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को 12 वोट मिले थे। आठ मतों को गलत तरीके से अमान्य करार दे दिया गया। बाद में ये आठ वोट याचिकाकर्ता के पक्ष में पाए गए। इस तरह आठ मतों को जोड़ देने पर याचिकाकर्ता के 20 वोट हो जाते हैं।इसीलिये,आप पार्षद और याचिकाकर्ता कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ नगर निगम के महापौर पद पर निर्वाचित घोषित किया जाता है। अधिकारी अनिल मसीह द्वारा भाजपा प्रत्याशी को विजेता घोषित करने का फैसला अमान्य है।सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पंजाब के CM भगवंत मान ने खुशी जताई। मान ने कहा कि आखिरकार सत्य की जीत हुई…चंडीगढ़ में मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं… पीठासीन अधिकारी द्वारा खारिज किए गए 8 वोटों को सही ठहराते हुए सीजेआई ने आप के कुलदीप कुमार को मेयर घोषित किया… लोकतंत्र की इस महान जीत पर चंडीगढ़वासियों को बहुत-बहुत बधाई…चंडीगढ़ मेयर चुनाव में क्या-क्या हुआ –UT प्रशासन ने 18 जनवरी को मेयर चुनाव के लिए सूचना जारी की,15 जनवरी को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भाजपा को हराने के लिए गठबंधन की घोषणा की, 16 जनवरी को आप और कांग्रेस के नामांकन पत्र वापस लेने पहुंचने के बाद नगर निगम कार्यालय में हाथापाई हुई। आधी रात को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ कांग्रेस प्रमुख एचएस लक्की की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें एक पार्षद को अवैध रूप से हिरासत में लेने का आरोप लगाया गया। हाईकोर्ट ने रिपोर्ट मांगी फिर 17 जनवरी को हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी क्योंकि UT ने दावा किया कि पार्षद अवैध हिरासत में नहीं है!
18 जनवरी को मेयर चुनाव के लिए पहुंचने पर आप और कांग्रेस पार्षदों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन हुआ।
हाईकोर्ट ने UT को 24 घंटे के भीतर अदालत में संभावित चुनाव की तारीख पेश करने को कहा, पर UT ने कोई date नहीं दिया, उसके बाद हाईकोर्ट ने UT प्रशासन को फटकार लगाते हुए 30 जनवरी को सुबह 10 बजे मेयर चुनाव कराने का आदेश दिया।
30 जनवरी- मेयर चुनाव में भाजपा ने गठबंधन को हराया। मनोज सोनकर मेयर बने।
सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर मंगलवार ऐतिहासिक फैसला दिया,सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय बेंच ने आदेश दिया- कि मेयर चुनाव में अमान्य किए गए 8 बैलेट पेपर मान्य माने जाएंगे। जिसके बाद आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार को मेयर घोषित कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को 12 वोट मिले थे। आठ मतों को गलत तरीके से अमान्य करार दे दिया गया। बाद में ये आठ वोट याचिकाकर्ता के पक्ष में पाए गए। इस तरह आठ मतों को जोड़ देने पर याचिकाकर्ता के 20 वोट हो जाते हैं।
इसीलिये,आप पार्षद और याचिकाकर्ता कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ नगर निगम के महापौर पद पर निर्वाचित घोषित किया जाता है। अधिकारी अनिल मसीह द्वारा भाजपा प्रत्याशी को विजेता घोषित करने का फैसला अमान्य है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पंजाब के CM भगवंत मान ने खुशी जताई। मान ने कहा कि आखिरकार सत्य की जीत हुई…चंडीगढ़ में मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं… पीठासीन अधिकारी द्वारा खारिज किए गए 8 वोटों को सही ठहराते हुए सीजेआई ने आप के कुलदीप कुमार को मेयर घोषित किया… लोकतंत्र की इस महान जीत पर चंडीगढ़वासियों को बहुत-बहुत बधाई…
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में क्या-क्या हुआ –
UT प्रशासन ने 18 जनवरी को मेयर चुनाव के लिए सूचना जारी की,15 जनवरी को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भाजपा को हराने के लिए गठबंधन की घोषणा की, 16 जनवरी को आप और कांग्रेस के नामांकन पत्र वापस लेने पहुंचने के बाद नगर निगम कार्यालय में हाथापाई हुई। आधी रात को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ कांग्रेस प्रमुख एचएस लक्की की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें एक पार्षद को अवैध रूप से हिरासत में लेने का आरोप लगाया गया। हाईकोर्ट ने रिपोर्ट मांगी फिर 17 जनवरी को हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी क्योंकि UT ने दावा किया कि पार्षद अवैध हिरासत में नहीं है!
18 जनवरी को मेयर चुनाव के लिए पहुंचने पर आप और कांग्रेस पार्षदों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन हुआ।
हाईकोर्ट ने UT को 24 घंटे के भीतर अदालत में संभावित चुनाव की तारीख पेश करने को कहा, पर UT ने कोई date नहीं दिया, उसके बाद हाईकोर्ट ने UT प्रशासन को फटकार लगाते हुए 30 जनवरी को सुबह 10 बजे मेयर चुनाव कराने का आदेश दिया।
30 जनवरी- मेयर चुनाव में भाजपा ने गठबंधन को हराया। मनोज सोनकर मेयर बने।
18 जनवरी को मेयर चुनाव के लिए पहुंचने पर आप और कांग्रेस पार्षदों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन हुआ।
हाईकोर्ट ने UT को 24 घंटे के भीतर अदालत में संभावित चुनाव की तारीख पेश करने को कहा, पर UT ने कोई date नहीं दिया, उसके बाद हाईकोर्ट ने UT प्रशासन को फटकार लगाते हुए 30 जनवरी को सुबह 10 बजे मेयर चुनाव कराने का आदेश दिया।
30 जनवरी- मेयर चुनाव में भाजपा ने गठबंधन को हराया। मनोज सोनकर मेयर बने।