पीएम मोदी ने यूएई और कतर के दौरे से चीन को दिया ये संदेश-

VB
By VB

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कतर और यूएई के दौरे से भारत वापस लौट चुके हैं। इसराइल और हम आपके बीच संघर्ष और चीन का मिडिल ईस्ट पर बढ़ते प्रभाव को देखते हुए। यह प्रधानमंत्री मोदी का दौरा अहम माना जा रहा था।

 

Contents
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कतर और यूएई के दौरे से भारत वापस लौट चुके हैं। इसराइल और हम आपके बीच संघर्ष और चीन का मिडिल ईस्ट पर बढ़ते प्रभाव को देखते हुए। यह प्रधानमंत्री मोदी का दौरा अहम माना जा रहा था।प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौर में से चीन को संदेश दिया कि मिडिल ईस्ट में भारत के प्रभुत्व की लड़ाई में पीछे नहीं रहने वाले हैं।लोगों का मानना था कि- इजरायल-हमास युद्ध के कारण यह कयास भी लगाए जा रहे थे कि मिडिल ईस्ट में बढ़ते संघर्ष के बीच भारत का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप इकॉनमिक कॉरिडोर (IMEC) अधर में लटक जाएगा. लेकिन पीएम मोदी के यूएई दौरे के दौरान दोनों देशों ने IMEC प्रोजेक्ट पर काम जारी रखने पर सहमति व्यक्त की इस प्रोजेक्ट को चीन के बहुत ही महत्वाकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड के काउंटर के तौर पर देखा जा रहा है. अगर भारत का मिडिल ईस्ट यूरोप इकॉनमिक कॉरिडोर री तरह सफल रहता है तो इससे सबसे ज्यादा नुकसान चीन को ही होगा.प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को अबू धाबी में यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की थी. 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी का यह सातवां यूएई दौरा था ! इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाने और संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया. शिखर सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा, “जब भी मैं यहां आता हूं, मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं घर आ गया हूं.”इससे पहले यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने भी जनवरी में भारत का दौरा किया था. मंगलवार को पीएम मोदी से मुलाकात के बाद नाहयान ने ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “अपने लोगों के लिए बेहतर भविष्य बनाने और द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए दोनों देश परस्पर प्रतिबद्ध हैं.”इंडिया मिडिल ईस्ट इकॉनमिक कॉरिडोर एक महत्वाकांक्षी परियोजना है. यह प्रोजेक्ट भारत, यूएई, सऊदी अरब, जॉर्डन, इजरायल से होते हुए यूरोप तक जाएगा. प्रोजेक्ट के तहत समुद्री लेन और रेल नेटवर्क का जाल बिछाया जाएगा. इस प्रोजेक्ट का मकसद व्यापार को बढ़ावा देना और माल ढुलाई के समय और खर्च में कमी लाना है.IMEC प्रोजेक्ट में खाड़ी देशों की रणनीतिक स्थिति को देखते हुए यूएई के साथ मजबूत रिश्ते भारत के लिए काफी अहम है! भारत और यूएई के बीच मजबूत रिश्ते इसलिए भी अहम है क्योंकि हालिया वर्षों में चीन ने मध्य पूर्व में अपनी भागीदारी बढ़ा दी है!!

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौर में से चीन को संदेश दिया कि मिडिल ईस्ट में भारत के प्रभुत्व की लड़ाई में पीछे नहीं रहने वाले हैं।

लोगों का मानना था कि- इजरायल-हमास युद्ध के कारण यह कयास भी लगाए जा रहे थे कि मिडिल ईस्ट में बढ़ते संघर्ष के बीच भारत का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप इकॉनमिक कॉरिडोर (IMEC) अधर में लटक जाएगा. लेकिन पीएम मोदी के यूएई दौरे के दौरान दोनों देशों ने IMEC प्रोजेक्ट पर काम जारी रखने पर सहमति व्यक्त की इस प्रोजेक्ट को चीन के बहुत ही महत्वाकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड के काउंटर के तौर पर देखा जा रहा है. अगर भारत का मिडिल ईस्ट यूरोप इकॉनमिक कॉरिडोर री तरह सफल रहता है तो इससे सबसे ज्यादा नुकसान चीन को ही होगा.

IMEC
IMEC

प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को अबू धाबी में यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की थी. 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी का यह सातवां यूएई दौरा था ! इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाने और संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया. शिखर सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा, “जब भी मैं यहां आता हूं, मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं घर आ गया हूं.”

इससे पहले यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने भी जनवरी में भारत का दौरा किया था. मंगलवार को पीएम मोदी से मुलाकात के बाद नाहयान ने ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “अपने लोगों के लिए बेहतर भविष्य बनाने और द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए दोनों देश परस्पर प्रतिबद्ध हैं.”

IMEC
IMEC

इंडिया मिडिल ईस्ट इकॉनमिक कॉरिडोर एक महत्वाकांक्षी परियोजना है. यह प्रोजेक्ट भारत, यूएई, सऊदी अरब, जॉर्डन, इजरायल से होते हुए यूरोप तक जाएगा. प्रोजेक्ट के तहत समुद्री लेन और रेल नेटवर्क का जाल बिछाया जाएगा. इस प्रोजेक्ट का मकसद व्यापार को बढ़ावा देना और माल ढुलाई के समय और खर्च में कमी लाना है.

IMEC प्रोजेक्ट में खाड़ी देशों की रणनीतिक स्थिति को देखते हुए यूएई के साथ मजबूत रिश्ते भारत के लिए काफी अहम है! भारत और यूएई के बीच मजबूत रिश्ते इसलिए भी अहम है क्योंकि हालिया वर्षों में चीन ने मध्य पूर्व में अपनी भागीदारी बढ़ा दी है!!

 

Share This Article
Leave a comment