बिहार: लालू-नीतीश-बीजेपी के तीन दशकों का राज

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Bihar Nitish Lalu

भारत के उत्तरी प्रदेश राज्य में स्थित बिहार, भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस राज्य की राजनीति में तीन मुख्य धाराएं रही हैं – लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)। ये तीनों नेता बिहार के राजनीतिक समीकरण को तीन दशकों तक प्रभावित करते रहे, जिनमें उन्होंने राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाए। यहाँ, हम इन तीनों धाराओं के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा करेंगे और बताएंगे कि इनका राज किस प्रकार बिहार की राजनीति और समाज पर प्रभाव डाला।

लालू प्रसाद यादव का राज

बिहार की राजनीति में 1990 के दशक में एक बड़ा उतार-चढ़ाव आया जब लालू प्रसाद यादव ने राज्य की सत्ता में कदम रखा। उनके राज में बिहार के सामाजिक और राजनीतिक समृद्धि के सपने बुने। लालू यादव के राज में गरीबी के क्षेत्र में सामाजिक न्याय की बात की गई और उन्होंने युवाओं को समाज में सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए। उनके शासनकाल में बिहार में एक प्रकार की सामाजिक संघर्ष की भावना देखने को मिली, जिसने गरीबों और पिछड़ों के बीच एक नई उम्मीद की रोशनी जगाई। उन्होंने योजनाओं के माध्यम से किसानों की स्थिति को भी सुधारा और उन्हें न्यूनतम जमीन दार के रूप में विशेष सुविधाएं प्रदान की।

लेकिन उनके शासनकाल में कई विवाद भी थे। उनकी सरकार को कुछ घोटालों के आरोप लगे और विपक्ष ने इसे लेकर बहुत विरोध किया। इन विवादों के कारण, लालू यादव की सरकार पर आलोचना बढ़ी और उन्हें न्यायिक प्रक्रिया में भाग लेना पड़ा।

नीतीश कुमार का राज

लालू प्रसाद यादव के बाद, नीतीश कुमार ने 2005 में बिहार की सत्ता में कदम रखा। उनका राजनीतिक चेहरा बिहार के लिए एक नया दिशा सूचक हुआ, जहाँ विकास और विश्वासनीयता की बातें बाजी लेने लगी। नीतीश कुमार ने बिहार के विकास को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया और कई विकास परियोजनाओं को शुरू किया। नीतीश कुमार के प्रशासन में बिहार की सड़कों का हाल भी सुधारा गया और वहां के गाँवों में विद्युतीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई।

नीतीश कुमार के शासनकाल में भी कई विवाद हुए, जैसे कि सदन में उत्पीड़न के मामले और उनके विकास कार्यक्रमों पर आलोचना। उनके शासन में भ्रष्टाचार की कमी में सुधार लाने का प्रयास किया गया, लेकिन कुछ क्षेत्रों में अभी भी समस्याएं बनी रहीं।

बीजेपी का राज

बीजेपी ने 2017 में बिहार के राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया जब वह नीतीश कुमार की विश्वासघात करके सत्ता में आई। बीजेपी के नेतृत्व में बिहार के राजनीतिक दृष्टिकोण में बड़ा परिवर्तन आया और राज्य के विकास की राह पर नए कदम उठाए गए। बीजेपी ने बिहार में विकास को गति दी और वहां की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया।

लेकिन बीजेपी के राजनीतिक चेहरे में भी कुछ विवाद हुए, जैसे कि भाषा के मामले, धर्मनिरपेक्षता और अन्य सामाजिक मुद्दे। इन विवादों के कारण, बीजेपी को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

 

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